सर्किट ब्रेकर के ट्रिप सर्किट की वायरिंग समान्य तौर पर CB ऑक्सलरी कोंटेक्ट और अन्य इंटरलॉक (जैसे स्प्रिंग चार्जिंग फुल आदि) से की जाती है, इसके बाद इसे सर्किट ब्रेकर के ट्रिप सोलेनॉइड से और फ्यूज लिंक के जरिए कंट्रोल वोल्टेज सोर्स से जोड़ा जाता है। MRA-Pro-V2 लगातार इन जंक्शन पॉइंट को मॉनिटर करता है। ट्रिप सर्किट में फॉल्ट के समय जब TC कोइल खुल जाता है या उसमें शॉर्ट हो जाता है या TC कोइल की सप्लाई 40 प्रतिशत से कम हो जाती है या CB कोंटेक्ट्स फेल हो जाते है तो यह इंटर्नल टाइमर को जल्द ही ट्रीगर करता है।
सुपरविजन टाइम डिले के खत्म होने के बाद भी फॉल्टी कंडीशन बना रहता है तो इसे दो आउटपुट रिले ऑपरेशन और CB फेल्ड LED इंडिकेशन के तौर पर देखा जाता है। यह तरीका सुनिश्चित करता है कि सभी ट्रिप सर्किट की वायरिंग (ट्रीपिंग रूट) ट्रिप कोंटेक्ट्स से लेकर ट्रिक कोइल तक को या तो ब्रेकर क्लोजड या ओपन कंडिशन में सुपरवाइज किया जाए।
इसके अंर्तगत ऑपरेशन के दो मोड होते हैं-
a) ऑटोमोड: इस मोड में ट्रिप सर्किट फॉल्टी स्टेटस के इंडिकेशन को अपने आप रिसेट कर देता है, जिससे ट्रिप सर्किट सही तरीके से आगे भी काम करता रहता है।
b) मैन्युअल मोड: इस मोड में ट्रिप सर्किट फॉल्टी स्टेटस के इंडिकेशन को अपने आप रिसेट नही करता, यह सामने से रिसेट बटन को दबाने पर ही रिसेट हो पाता है।
रूटीन चेकअप की सुविधा के लिए इसके MRA-PRO-V2 में एक टेस्ट फंक्शन की सुविधा भी दी गई है। यूजर इस मोड में प्रेसड कंडिशन और फिर ऑक्सलरी सप्लाई देते हुए रिसेट बटन को दबाकर पहुंच सकता है। इसे दोबारा सामान्य ऑपरेशन में लाने के लिए यूजर को MRA-PRO-V2 ऑक्सलरी सप्लाई का स्विच ऑफ करना होता है। एक बार स्विच ऑफ होने के बाद जब इसे दोबारा चालू करेंगे तो यह रिसेट हो जाएगा।